परिचय:
“क्योंकि सास भी कभी बहू थी” भारतीय टेलीविज़न के इतिहास का सबसे लोकप्रिय और लंबा चलने वाला धारावाहिक था। इसे एकता कपूर के बालाजी टेलीफिल्म्स ने प्रोड्यूस किया था और यह STAR Plus चैनल पर 3 जुलाई 2000 से 6 नवंबर 2008 तक प्रसारित हुआ।
इस शो ने भारतीय टेलीविज़न इंडस्ट्री में एक नया दौर शुरू किया और इसे टीवी का “गोल्डन एरा” कहा जाता है। इस सीरियल ने भारतीय घरों में ऐसी धूम मचाई कि लोग इसके किरदारों को अपने परिवार का हिस्सा मानने लगे। “तुलसी वीरानी” नाम का किरदार भारतीय टेलीविज़न का सबसे प्रतिष्ठित किरदार बन गया।
कहानी का सारांश
यह धारावाहिक गुजरात के एक समृद्ध और पारंपरिक परिवार “वीरानी परिवार” की कहानी थी। इस परिवार में गोवर्धन वीरानी अपने चार बेटों और उनके परिवारों के साथ एक विशाल हवेली में रहते हैं।
शो की मुख्य कहानी मिहिर वीरानी और तुलसी वीरानी की प्रेम कहानी और शादी से शुरू होती है। तुलसी, जो एक साधारण ब्राह्मण परिवार की लड़की होती है, वीरानी परिवार की बहू बन जाती है। इस शादी से कई विवाद उत्पन्न होते हैं क्योंकि तुलसी की सास सविता वीरानी उसे अपनाने को तैयार नहीं होती।
समय के साथ, तुलसी पूरे परिवार को जोड़ने वाली शक्ति बन जाती है। वह हर मुश्किल का सामना करती है, अन्याय के खिलाफ आवाज उठाती है और कई बार अपने ही परिवार के खिलाफ भी खड़ी होती है।
धारावाहिक में प्यार, परिवार, रिश्ते, साजिश, और ड्रामा का भरपूर तड़का था, जिसने इसे इतना लोकप्रिय बनाया।
मुख्य पात्र और कलाकार
किरदार | कलाकार | विशेषता |
---|---|---|
तुलसी वीरानी | स्मृति ईरानी | शो की मुख्य नायिका, वीरानी परिवार की बहू |
मिहिर वीरानी | अमर उपाध्याय / रोनित रॉय | तुलसी का पति |
सविता वीरानी | आशा शर्मा | मिहिर की माँ, तुलसी की सास |
गोवर्धन वीरानी | सुधीर दलवी | वीरानी परिवार के मुखिया |
करण वीरानी | हितेन तेजवानी | मिहिर और मंदिरा का बेटा |
नंदिनी वीरानी | गवरी प्रधान | करण की पत्नी |
अनुपम कपाड़िया | अकाशदीप सहगल | मिहिर का दोस्त |
मंदिरा कपूर | अचिंत कौर | नकारात्मक किरदार, मिहिर की प्रेमिका |
शो की खासियतें और लोकप्रियता
- पारिवारिक ड्रामा का प्रतीक
- इस शो ने सास-बहू के रिश्तों को एक नया रूप दिया। यह भारतीय घरों में महिलाओं के बीच सबसे चर्चित शो बन गया।
- तुलसी वीरानी – आदर्श बहू और मजबूत महिला किरदार
- तुलसी वीरानी को भारतीय टेलीविज़न की सबसे आइकॉनिक बहू कहा जाता है। वह हर नाइंसाफी के खिलाफ आवाज उठाती है और अपने परिवार की रक्षा करती है।
- लंबा प्रसारण और रिकॉर्ड
- यह शो 8 सालों तक चला और कुल 1833 एपिसोड्स प्रसारित हुए, जो भारतीय टेलीविज़न के इतिहास में एक रिकॉर्ड था।
- TRP की रानी
- यह शो शुरुआती सालों में भारत का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला शो था और इसे लंबे समय तक नंबर 1 की पोजीशन मिली।
- नए ट्रेंड्स की शुरुआत
- इस शो ने टेलीविज़न इंडस्ट्री में सास-बहू ड्रामा को एक नया मुकाम दिया। इसके बाद कई और शो इसी फॉर्मूले पर बनाए गए।
- लोकप्रिय संवाद और दृश्य
- “तुलसी, मिहिर मर चुका है!” – यह संवाद भारतीय टेलीविज़न के सबसे चर्चित मोमेंट्स में से एक है।
शो के प्रमुख ट्विस्ट और यादगार पल
- मिहिर वीरानी की मौत और वापसी
- शो के शुरुआती दिनों में मिहिर वीरानी की मौत दिखाने के बाद, दर्शकों ने इतना विरोध किया कि निर्माताओं को उसे फिर से जीवित करना पड़ा।
- तुलसी द्वारा अपने बेटे अंश की हत्या
- यह शो का सबसे बड़ा ट्विस्ट था। अपने ही बेटे अंश वीरानी के अन्याय और गलतियों से परेशान होकर तुलसी ने उसे गोली मार दी थी।
- करण और नंदिनी की प्रेम कहानी
- इस जोड़ी को दर्शकों ने बहुत पसंद किया। उनकी प्रेम कहानी शो का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी।
- मंदिरा का षड्यंत्र और मिहिर से शादी
- मंदिरा और मिहिर की शादी शो का एक बड़ा विवादास्पद मोड़ था।
- शो में समय का बदलाव (Leap)
- शो में कई बार 20 साल के लीप दिखाए गए, जिससे नई पीढ़ी के पात्रों को जोड़ा गया।

शो के अंत और विरासत
2008 में, जब शो की लोकप्रियता कम होने लगी, तो इसे बंद करने का निर्णय लिया गया। 6 नवंबर 2008 को इस शो का अंतिम एपिसोड प्रसारित हुआ, जिसमें तुलसी और पूरा वीरानी परिवार फिर से एक हो जाता है।
हालांकि, शो भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन इसकी यादें आज भी दर्शकों के दिलों में ज़िंदा हैं।
“क्योंकि सास भी कभी बहू थी” का प्रभाव
- इस शो ने स्मृति ईरानी को रातों-रात सुपरस्टार बना दिया और उन्होंने बाद में राजनीति में भी प्रवेश किया।
- यह धारावाहिक भारतीय टेलीविज़न के इतिहास में सबसे सफल सास-बहू शो माना जाता है।
- इस शो ने कई और टेलीविज़न शोज़ को प्रेरित किया, जैसे कि “कहानी घर घर की”, “कसौटी ज़िंदगी की”, आदि।
निष्कर्ष
“क्योंकि सास भी कभी बहू थी” सिर्फ एक धारावाहिक नहीं, बल्कि भारतीय टेलीविज़न का एक ऐतिहासिक शो था। यह शो परिवार, रिश्तों, नाटकीयता और साजिशों का एक परफेक्ट मिश्रण था, जिसने इसे हर घर में मशहूर बना दिया।
आज भी जब भारतीय टेलीविज़न के सबसे सफल शोज़ की बात होती है, तो “क्योंकि सास भी कभी बहू थी” का नाम सबसे ऊपर आता है। क्या आपने भी यह शो देखा था? आपको सबसे ज्यादा कौन सा किरदार पसंद था? 😊