प्रेमानंद महाराज ने जूठे भोजन को लेकर कुछ उपाय बताए हैं।
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि थाली में बचा जूठा भोजन पक्षियों को देना चाहिए, क्योंकि ये जीव सेवा होती है।
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि जूठा भोजन किसी पशु को दे सकते हैं। कई पशु भोजन की तलाश में भटकते हैं।
प्रेमानंद महाराज का कहना है कि जूठा भोजन किसी मनुष्य को बिल्कुल नहीं देना चाहिए।
'मनुष्य को जूठा भोजन देना स्वच्छता की दृष्टि से उचित नहीं है। संक्रमण का भी खतरा होता है'
प्रेमानंद महाराज का कहना है कि थाली में उतना ही लें जितना खा सकें। इससे भोजन बर्बाद नहीं होगा।