हैवी ब्लीडिंग- अगर आपका पैड दो घंटे से भी कम टाइम में भर जाता है या हैवी ब्लड क्लॉट्स निकलते हैं, तो यह फाइब्रॉएड, हार्मोनल असंतुलन या रक्त के थक्के जमने संबंधी समस्याओं की ओर इशारा कर सकता है।
अनियमित पीरियड- पीरियड साइकिल में 21 दिनों से कम या 35 दिनों से ज्यादा का अंतर होने से पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस), थायराइड डिसफंक्शन या प्रोलैक्टिन के बढ़े हुए लेवल का संकेत हो सकता है।
पीरियड्स मिस होना- कई महीनों तक पीरियड्स न आना और कंसीव न होना PCOS, समय से पहले मेनोपॉज या हाइपोथैलेमस एमेनोरिया का संकेत हो सकता है।
तेज क्रैंप्स- पीरियड्स के दौरान हल्के क्रैंप्स आना आम बात होती है लेकिन अगर आपको असहनीय दर्द का सामना करना पड़ रहा है तो यह चिंता की बात हो सकती है।
बहुत हल्का या कम पीरियड होना- पीरियड का कम होना हार्मोनल इंबैलेंस जैसे कि एस्ट्रोजन के कम लेवल का संकेत हो सकता है, जो फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकता है।
पीरियड्स के रंग में बदलाव- आपके पीरियड्स की शुरुआत या अंत में गहरे भूरे या काले रंग का ब्लड अक्सर यूट्रस से निकलने वाला पुराना ब्लड होता है।