ये है पहलगाम टेरर अटैक का मास्टर माइंड सैफुल्लाह कसूरी ?

जम्मू और कश्मीर के पहलगाम के बैसारन घाटी में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हमले करीब 26 लोगों की मौत हुई है।

हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटे टीआरएफ यानी 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' ने ली है। सूत्रों के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में लश्कर और टीआरएफ की आतंकी गतिविधियों के पीछे आतंकवादी सैफुल्लाह खालिद का दिमाग है। वो इन हमलों का मास्टरमाइंड है।

5 अगस्त 2019 को संविधान में संशोधन करके जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35ए को हटाया गया था। इसके बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद को कवर करने के लिए आईएसआई ने टीआरएफ यानी 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' का गठन किया था।

लश्कर-ए-तैयबा डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद को सैफुल्लाह कसूरी के नाम से भी जाना जाता है। ये हिंदुस्तान के सबसे बड़े दुश्मन हाफीज सईद का बहुत करीबी है। भारत में कई बड़े आतंकी हमलों में इसका नाम आता रहा है।

पहलगाम आतंकी हमले से दो महीने पहले ही सैफुल्लाह खालिद पाकिस्तान के एक कर्नल जाहिद जरीन खटक ने उसे जेहादी भाषण देने के लिए बुलाया था। इसके बाद उसने पाक सेना को भारत के खिलाफ जमकर भड़काया। उसने कहा कि वे लोग भारतीय सैनिकों का जितना कत्ल करेंगे, अल्लाह उन्हें उतना उतना ही शवाब देगा।

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में आयोजित एक सभा में इसने कहा था कि आज 2 फरवरी 2025 है, 2 फरवरी 2026 तक कश्मीर पर हम कब्जा करने की पूरी कोशिश करेंगे।

एक इंटेलिजेंस रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल सैकड़ों पाकिस्तानी लड़कों ने एबटाबाद के जंगलों में आयोजित एक आतंकी कैंप में हिस्सा लिया था। इसे लश्कर-ए-तैयबा के पॉलिटिकल विंग पीएमएमएल और एसएमएल ने आयोजित किया था। इसमें सैफुल्लाह कसूरी भी मौजूद था।

सैफुल्लाह ने इस कैंप से आतंकी हमलों के लिए लड़कों का चयन किया था, जिन्हें बाद में टारगेट किलिंग के लिए ट्रेनिंग दी गई थी। इसके बाद पाकिस्तानी सेना की मदद से सीमा पार घुसपैठ कराने की बात भी सामने आई थी।  जानकारी के मुताबिक, पहलगाम में हुए हमले में शामिल आतंकी इन्ही घुसपैठों में से हैं।

पहलगाम में हुए हमले के आतंकियों की तस्वीर जारी की गई हैं। इसमें इनके हाथों में AK-47 राइफिल दिखाई दे रही है। बता दें लोकल मिलिटेंट्स कभी नागरिकों और पर्यटकों पर हमला नहीं करते हैं, वे आर्मी के जवानों को निशाना बनाते हैं। लेकिन पहलगाम में हुए हमले से साफ हो रहा है कि इन आतंकियों का मकसद कश्मीर में बढ़ रहे टूरिज्म को चोट पहुंचाना है।

पाकिस्तान ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स पर साल 2019 में 7वें स्थान पर था। अब 2025 ये दूसरे स्थान पर है। यहि कारण है, कि दुनिया की नजरों में धूल झोंकने के लिए टीआरएफ जैसे अंग्रेजी और नए नाम से आतंकी संगठन चलाए जा रहे हैं।

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