भगवान महावीर के ये उपदेश आपको जीवन में हमेशा करेंगे मदद

दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा आप अपने साथ चाहते हैं। जिस प्रकार आप दुख पसंद नहीं करते उसी तरह और लोग भी इसे पसंद नहीं करते।

यदि सत्य बोलने से किसी को चोट पहुँचने अथवा किसी की मृत्यु होने की संभावना हो तो चुप रहना बेहतर है।

सभी प्रकार के व्यवहार में ईमानदार रहें। किसी को धोखा न दें। दूसरों की संपत्ति को हड़पने अथवा हासिल करने के लिए अनैतिक साधनों का प्रयोग न करें।

अपनी आवश्यकता से अधिक धन संचय न करें। आपका आवश्यकता से अधिक संग्रहित धन समाज के लिए है। इसे समाज के कल्याण के लिए अर्पित करें।

व्यक्ति कर्म से ही ब्राह्मण होता है, कर्म से ही क्षत्रिय होता है, कर्म से ही वैश्य होता है तथा कर्म से ही शूद्र होता है।

कीमती वस्तुओं की बात दूर है, एक तिनके के लिए भी लालच करना पाप को जन्म देता है।

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